नई दिल्ली: शनिवार 4 अक्टूबर 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत दिवस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में एक विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया। इस सिक्के पर पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता का चित्र अंकित है।
100 रुपये के इस सिक्के के एक तरफ राष्ट्रीय चिह्न अंकित है, जबकि दूसरी तरफ वरद मुद्रा में भारत माता की एक भव्य छवि अंकित है, और साथ में एक सिंह भी अंकित है। स्वयं सेवकों को भक्ति और समर्पण भाव से उनके आगे नतमस्तक होते हुए दिखाया गया है।
इस सिक्के पर आरएसएस का आदर्श वाक्य “राष्ट्रीय स्वाहा, इदं राष्ट्राय, इदं न मम्” भी अंकित है, जिसका अर्थ है “सब कुछ राष्ट्र को समर्पित, सब कुछ राष्ट्र का है, कुछ भी मेरा नहीं है।” प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च के अवसर पर कहा, “स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार, भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो अत्यंत गौरव और ऐतिहासिक महत्व का क्षण है।

“सिक्के के साथ जारी डाक टिकट, 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में आरएसएस कार्यकर्ताओं की भागीदारी को दर्शाता है, जो संगठन के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षण को भारत माता और आरएसएस की सेवा और समर्पण की एक शताब्दी लंबी यात्रा के प्रति गौरवपूर्ण श्रद्धांजलि बताया।
शताब्दी समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया था और इसमें आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भाग लिया।
केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में नागपुर में स्थापित, आरएसएस की स्थापना एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में की गई थी जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना था।
प्रधानमंत्री मोदी स्वयं आरएसएस के प्रचारक थे और भाजपा में आने से पहले उन्होंने एक संगठनकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। भाजपा की वैचारिक प्रेरणा हिंदुत्ववादी संगठन से मिलती है।
न्यूज़ डेस्क






