वक़्फ़ संपत्ति पर दावेदारी का अंतिम दिन हुआ खत्म: सुप्रीम कोर्ट ने तारीख बढ़ाने से किया इंकार
आगरा: शनिवार 06 दिसम्बर 2025
प्रयागराज कुंभ जनवरी 2025 के आयोजन के समय आवाज़ उठी थी कि कुंभ का आयोजन वक़्फ़ की जमीन पर हो रहा है। जिसके बाद ये आवाज़ भी उठने लगी कि सुप्रीम कोर्ट और संसद भी वक़्फ़ की जमीन पर बनी हुई है। सपा की मुलायम सरकार के समय भी वक़्फ़ ने ताज महल को अपनी संपत्ति का दावा कर दिया था। और तो और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयर पोर्ट पर भी वक़्फ़ ने अपना दावा ठोंक दिया था।
अब देशव्यापी ये बहस शुरू हो गई थी कि क्या सरकारी जमीन भी वक़्फ़ की जमीन है? वक़्फ़ पर उठने वाले सवालों पर सरकार ने एक न्यायपूर्ण निर्णय लेते हुए एक जेपीसी का गठन किया और देश भर से आने वाली शिकायतों को सुना। यह भी जानना आवश्यक है कि जेपीसी में देश की अनेक राजनीतिक पार्टियों के सदस्य शामिल होते हैं। शिकायतों को सुना गया और ये फैसला हुआ कि एक कानून बना कर समय निर्धारित कर दिया जाए। सरकार ने सदन में प्रस्ताव पारित कर एक पोर्टल “उम्मीद” लॉन्च किया और 6 महीने के समय में वक़्फ़ के कागज़ उस पर अपलोड करने का निर्धारण कर दिया।
अब उसका समय 5 दिसम्बर आखिरी दिन था, और अभी तक केवल 30 प्रतिशत संपत्ति ही अपलोड हुई है। कहा जा रहा है कि 70 प्रतिशत संपत्ति के कागज़ात ही मौजूद नहीं हैं।
देश के सभी शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों के उलेमाओं ने सुप्रीम कोर्ट में एक संयुक्त आवेदन किया जिसमें तारीख बढ़ाने का अनुरोध किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तारीख बढ़ाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी गई कि 6 महीने का समय कम है, और पोर्टल “उम्मीद” सही से काम नहीं कर रहा, क्योंकि सर्वर हर समय डाउन रहता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा जब सभी सरकारी पोर्टल काम कर रहे हैं तो “उम्मीद” के आरोपों को सही नहीं ठहराया जा सकता।
सवाल उठता है कि जिन 70 प्रतिशत संपत्तियों को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा सका है, तो क्या उनके कागज़ात पूरे नहीं हैं, अगर कागज़ात पूरे नहीं होंगे तो पोर्टल पर अपलोड कैसे हो सकते हैं, अब अपनी दावेदारी के लिए वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में जाना होगा, जिसके बाद उनके हक़ में अगर फैसला नहीं होता है तो वह संपत्ति सरकारी मानी जाएगी।
इन सारी कार्यवाही के बाद वक़्फ़ संपत्ति के दावेदारों के होश उड़े हुए हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सेव वक़्फ़ इंडिया मिशन के उपाध्यक्ष सैयद रिज़वान मुस्तफा ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, अल्पसंख्यक मंत्री, सभी केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यसभा सदस्य एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक मार्मिक पत्र भेजकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
न्यूज़ डेस्क










