डीपीओ ने दिया आवास विकास के लोगों को लाभ
महिला एवं बाल विकास मंत्री से शिकायत पर बैठी जांच
आगरा: सोमवार 08 दिसंबर 2025
महिला कल्याण विभाग द्वारा बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरे प्रदेश में चाइल्ड लाइन की भर्तिया की गई हैं। जिनमें आगरा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है।
ग्वालियर रोड निवासी सोमा जैन जसोरिया ने रविवार को प्रेस वार्ता में इन भर्तियों में फर्जीवाड़ा होने का आरोप लगाया है। सोमा जैन जसोरिया का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया को जानबूझकर अपारदर्शी रखा गया। कुल लगभग दो सौ आवेदन प्राप्त होने के बावजूद इंटरव्यू के लिए बेहद कम अभ्यर्थियों को बुलाया गया, जिससे मनचाहे लोगों का चयन करना आसान हो गया।
उन्होंने बताया कि जिस सेवा प्रदाता संस्था के माध्यम से ये नियुक्तियाँ कराई गईं, उसने भाई-बहनों, रिश्तेदारों और परिचितों को प्राथमिकता देकर पद भर दिए। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के पद पर ब्रजेश कुमार गौतम की नियुक्ति की गई, जबकि उसकी बहन ज्योति को केस वर्कर बना दिया गया। इसी तरह सनी कुमार को सुपरवाइजर और उसकी सगी बहन किरन को केस वर्कर के रूप में चयनित किया गया। आरोप यह भी हैं कि किरन, ब्रजेश की अवैध पत्नी है और उसके सभी कार्य वही देखता है।
शिकायत में कहा गया कि किरन को देर रात तक चाइल्ड लाइन कार्यालय लाया-ले जाया जाता है, जो पूरे वातावरण की गंभीरता और पेशेवर मर्यादा पर सवाल खड़े करता है।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि चयनित अधिकांश लोग आवास विकास कॉलोनी के निवासी हैं, जहाँ तत्कालीन डीपीओ अजयपाल सिंह स्वयं रहते हैं। इससे यह संदेह और गहरा हो जाता है कि डीपीओ ने अपने प्रभाव का उपयोग कर परिचितों को लाभ पहुंचाया। आरोप है कि ब्रजेश गौतम के खिलाफ थाना जगदीशपुरा में एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है, इसके बावजूद उसे सर्वोच्च पद देकर अन्य सभी कर्मचारियों को उसके अधीन कर दिया गया।
सोमा जैन जसोरिया ने यह पूरी शिकायत महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य तक पहुंचाई। मंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर को तत्काल जांच के निर्देश दिए। निदेशक ने इसके बाद आगरा के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि स्थानीय स्तर पर जांच को प्रभावित करने की कोशिशें की जा रही हैं और प्रशासन की ओर से संबंधित अधिकारियों को क्लीनचिट देने की तैयारी चल रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सोमा जैन जसोरिया ने जिलाधिकारी और कमिश्नर से व्यक्तिगत मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय पर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो वे इस पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि केवल आगरा में ही नहीं, बल्कि बलरामपुर और मुरादाबाद में भी चाइल्ड लाइन भर्तियों में गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं, जहाँ संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई थी।आगरा में यह फर्जीवाड़ा न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील तंत्र पर भी गंभीर सवाल उठाता है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि जब ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर ही अनियमितताएँ होंगी, तो सेवा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा दोनों ही प्रभावित होंगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मामले में पारदर्शी, त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करेगा, ताकि बच्चों से जुड़ी सेवाओं में जनता का विश्वास बना रहे।इसकी शिकायत महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य से की गई। जिस पर मंत्री ने महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर को जांच के आदेश दिए। निदेशक ने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से रिपोर्ट तलब की है। ब्रजेश प्रशासन स्तर पर जांच को प्रभावित कर सकता है। इसकी निष्पक्ष जांच होना अनिवार्य है।
जांच एवं कार्यवाही के लिए डीएम और कमिश्नर से व्यक्तिगत मुलाकात कर शिकायत की गई है। यदि निष्पक्ष जांच और कार्यवाही नहीं हुई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। इसी तरह बलारमपुर और मुरादाबाद में भी चाइल्ड लाइन की भर्तियों में घोटाला हुआ है जिसमें डीपीओ तथा अन्य अधिकारियों पर कार्यवाही हुई है।
विशेष संवाददाता









