आगरा: रविवार 5 अक्टूबर 2025
ऐतिहासिक नगरी आगरा में भारतीय इतिहास और संस्कृति के सबसे बड़े और भव्य मंचन का गवाह बना महानाट्य ‘जाणता राजा’। ताज नगरी स्थित कलाकृति कल्चर एण्ड कन्वेंशन सेंटर ग्राउण्ड पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित विश्वविख्यात महानाट्य ‘जाणता राजा’ का मंचन शनिवार को आरम्भ हुआ।

महानाट्य का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा द्वीप प्रज्वलन के साथ हुआ। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ‘जाणता राजा’ को “जनता का मन जानने वाला शासक” बताते हुए कहा कि उन्होंने इसे तीन बार देखा। दिल्ली में प्रमोद महाजन के प्रयास से, जिसके बाद औरंगाबाद में और अब आगरा में। रायगढ़ किले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “यह चंडीगढ़ जैसी योजनाबद्ध नगरी का प्राचीन उदाहरण है।”

यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक महोत्सव नहीं, बल्कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा संकल्प को समर्पित सामाजिक-सांस्कृतिक प्रयास है। छत्रपति शिवाजी ने सनातनी संस्कृति को मुगलों के आक्रमण से बचाए रखने के लिए जिस साहस, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया, वह बेजोड़ है। लेकिन, उनकी कहानी पाठ्य पुस्तकों में बस कुछ पन्नों मे ही समेट कर रख दी गई। नाटक ‘जाणता राजा’ इस महान राजा के पूरे जीवन पर एक विहंगम दृष्टि डालता है। मंच पर बने रायगढ़ किले के सेट पर ध्वनि प्रकाश के सामंजस्य ने वास्तविक दृश्य उत्पन्न कर दिया, वहीं प्रस्तुति दे रहे कलाकारों के अभिनय ने इतिहास को जीवंत कर दिया। यह महानाट्य 04 से 09 अक्टूबर 2025 तक भारतीय इतिहास और संस्कृति के सबसे भव्य मंचन का गवाह बनेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि उ. प्र. के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मंच से शिवाजी महाराज की कैद स्थली पर 200 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल म्यूजियम की घोषणा की।आयोजन समिति के अध्यक्ष सीए संजीव महेश्वरी ने बताया कि ‘जाणता राजा’ का मंच 2 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में बनाया गया है और ऊँचाई चार मंजिला है। इसमें ढाई सौ कलाकार, 20 फीट ऊँची मां तुलजा भवानी की प्रतिमा, हाथी, घोड़े, ऊँट, बैलगाड़ियां और पालकी का प्रत्यक्ष उपयोग किया जा रहा है। अत्याधुनिक ध्वनि-प्रकाश व्यवस्था और आतिशबाजी इसे और अधिक भव्य बनाएगी।

अब तक यह नाट्य भारत और इंग्लैंड सहित विश्वभर में 1200 से अधिक बार मंचित हो चुका है और 70 लाख से अधिक दर्शक इसे देख चुके हैं। आगरा में 70 हजार दर्शक इसके साक्षी बनेंगे ।
स्वागत समिति के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने बताया कि आगरा व आसपास के 30 जिलों में व्याख्यान व प्रचार कार्यक्रम के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार किया जा चुका है। शहर को छह हिस्सों में बाँटकर हर क्षेत्र से दर्शकों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।आयोजक संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने आगरा को शिवाजी की कर्म भूमि बताते हुए मुगलों से अलग पहचान पर जोर दिया।

समारोह में स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज, प्रो. डीपी सिंह, महेश चतुर्वेदी, प्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ संजय चतुर्वेदी, जाणता राजा आयोजन समिति के अध्यक्ष सी ए संजीव माहेश्वरी, स्वागत समिति के महामंत्री अभिनव मौर्य, सेवा मिशन के सहसंयोजक राघवेंद्र सिंह, ललित शर्मा आदि आयोजन समिति के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्य संवाददाता







