आगरा: बुधवार 08 अक्टूबर 2025
भारतीय सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ के पर्व का विशेष महत्व होता है। सारा दिन निर्जला व्रत रखकर शिव परिवार की पूजा करती हैं, माता पार्वती की महिलाओं पर इस दिन विशेष कृपा रहती है जिसके कारण उन्हें भूख प्यास नहीं सताती। पति के जीवन से संकट दूर करने के लिए चंद्रमा के दर्शन करने के उपरांत ही जल का सेवन किया जाता है, ऐसी प्रथा है।
इस वर्ष वैदिक पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 09 अक्टूबर को देर रात 10 बजकर 54 मिनट पर होगा, जो अगले दिन 10 अक्टूबर को चंद्रोदय का शुभ मुहूर्त समय रात 08 बजकर 13 मिनिट तक रहेगा। चंद्रमा के दर्शन प्रत्यक्ष न करके ओट में किए जाते है, इसलिए चलनी का उपयोग सार्थक माना गया है।
करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दें, और अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए यह भी जानना आवश्यक है।
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय एक सफेद फूल या सफेद वस्त्र अर्पित कर सकती हैं।
उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके चंद्रमा की पूजा करना शुभ होता है।
चंद्रमा को जल अर्घ्य देते समय जल में दूध की कुछ बूंदें मिलाना भी शुभ माना जाता है।
पति के जीवन से संकट दूर करने के लिए आप चंद्रमा को अर्घ्य देते समय किसी भी एक शुभ मंत्र का जाप कर सकती हैं, कुछ प्रचलित मंत्र इस प्रकार हैं:
“ॐ सोमाय नमः”
“ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:”
“ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:”
“ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम”
जैसी रक्षा स्तुति कर सकती हैं।

अर्घ्य देते समय अपने पति का पांच बार नाम लेकर उनके हाथों जल का सेवन करना शुभ माना जाता है।
पं. राज कुमार शास्त्री





