आगरा: मंगलवार 21 अक्टूबर 2025
दीपावली का पावन पर्व, घर घर खुशियां, अटारी पर दीपमालिका, मिठाई का मिठास और बम पटाखों का धूम धड़ाका, ऐसा ही कुछ दृश्य था दिवाली का।

हर बरस की भांति बाजार में दुकानें सजी हुई थीं, खिलौने वाले, फूल माला वाले, सजावट के समान, मिठाई की दुकान, हर तरफ रौनक थी। हालांकि बाजार में पिछले बरस की तुलना में ग्राहक कम दिखे, दुकानदारों की बिक्री अपेक्षाकृत कम हुई।सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व्यवस्था चाक चौबंद थी, ट्रैफिक पुलिस की मुस्तैदी से यातायात भी नियंत्री था, कहीं भी जाम की स्थिति नजर नहीं आई।

शहर का हर कोना रौशनी से जगमगा रहा था, घरों के बाहर बल्बों की झालर, बाजार में सजी दुकानों के बाहर रंगबिरंगी रोशनी के विज्ञापन भी ग्राहकों को आकर्षित कर रहे थे।

साल में एक बार आने वाले इस महा पर्व की हर छोटे बड़े दुकानदार को प्रतीक्षा रहती है। हलवाई हों, फूलवाले हों, बिजली का सामान हो, कपड़े वाले हों या जूते वाले हो, कनफेक्शनरी हो।

यहां तक कि मिट्टी के दिए, गणेश लक्ष्मी की मिट्टी की मूर्तियां और गेंदे के फूलों की जगह जगह सड़क किनारे ढेरी लगाकर बेचने वालों को दो पैसे की कमाई कराती है दीपावली। हर दुकानदार अपनी बिक्री के लिए स्टॉक इकठ्ठा करता है, कही कही तो डिस्काउंट की सेल लगाकर अपनी रहतीया को भी खरीद के दम में बेच देता है दुकानदार। यही है दिवाली।

इस त्यौहार में गिफ्ट देने का भी चलन है। दुकानदार हो या फैक्ट्री वाला, रिश्तेदार हो या पड़ोसी, सभी गिफ्ट देकर इस त्यौहार को और भी खुशनुमा बना देते है। हलवाई तो तीन दिन की बिक्री के लिए रात दिन मिठाई तैयार करते हैं। आम दिनों में फूलों की माला सामान्य कीमत पर मिल जाती है, लेकिन दिवाली पर इस बरस गेंदे का फूल 220 रूपये किलो तक बिका।

पटाखे की दुकानों पर तो ऐसे भीड़ उमड़ पड़ी जैसे कल मिलेंगे ही नहीं। बच्चों को तो पटाखे चलाने और आतिशबाजी देखने में ही बड़ा आनंद आता है। यह एक त्यौहार नहीं है उत्सव है, जिसमें उल्लास है, उत्साह है, उमंग है। बड़े-बूढ़े हों या बच्चे सभी में ऊर्जा भर देती है दिवाली।

मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ का तांता दिखाई दिया। महिलाओं और बच्चों ने रंगोली से स्वागत द्वारों को सजाया, तो कहीं रंगीन झालरों ने छतों पर इंद्रधनुषी छठा बिखेरी। नए कपड़े पहन कर घर-घर लक्ष्मी-गणेश के पूजन के साथ सुख और समृद्धि की प्रार्थना की गई। प्रतिष्ठानों पर परंपरागत रूप से व्यापार में उन्नति और अर्थ लाभ के लिए अपने खाता-बही का पूजन किया गया। शहर की अनेक कॉलोनियों और सोसायटियों में सामूहिक दीपोत्सव का आयोजन हुआ।
विशेष संवाददाता






