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एसआईआर का कार्य उ.प्र. में आरम्भ हो चुका है: आखिर ये एसआईआर है क्या?

आगरा : सोमवार 17 नवम्बर 2025

केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा उ.प्र. में एसआईआर का कार्य आरम्भ हो चुका है, बीएलओ घर घर जाकर दो पृष्ठ का एक प्रपत्र वितरित कर रहे हैं, जिसे पूर्ण रूप से भरकर बीएलओ को दिया जाना है।

सबसे पहले हमें यह जान लेना आवश्यक हैं ये एसआईआर है क्या?

एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन। देश में 1951 से 2004 के बीच यह आठ बार हुआ। अंतिम बार यह 2004 में किया गया था। अब 21 साल बाद यह किया जा रहा है। जबकि यह करीब सात साल बाद होना चाहिए। यह वोटर लिस्ट को माइक्रो लेवल पर शुद्ध करने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में ऐसे वोटरों की पहचान कर उनके नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए जाते हैं। जिनकी मृत्यु हो गई है, जो परमानेंट शिफ्ट हो गए हैं, एक ही राज्य में एक से अधिक वोटर कार्ड बनवा रखे हैं, घुसपैठियों ने वोटर कार्ड बनवा लिए, लापता वोटर और ऐसे कुछ विदेशी वोटर जिनके नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गए। इन सभी को एसआईआर प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से बाहर किया जाता है।

ये दस्तावेज हैं जरूरी:

1. केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर्स को जारी कोई भी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।

2. सरकारी या स्थानीय प्राधिकरणों, बैंकों, डाकघरों, एलआईसी या पीएसयू द्वारा 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र या प्रमाणपत्र।

3. जन्म प्रमाणपत्र जो किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी हो।

4. पासपोर्ट।

5. मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाणपत्र जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया हो।

6. स्थायी निवास प्रमाणपत्र जो राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो।

7. वन अधिकार प्रमाणपत्र

8. जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST) जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया हो।

9. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से संबंधित प्रमाणपत्र (जहां यह लागू है)।

10. फैमिली रजिस्टर, जो राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया हो।

11. भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र, जो सरकार द्वारा जारी किया गया हो।

गहन मतदाता पुनरीक्षण में जो प्रपत्र दिया जा रहा है, उसमें कई प्रकार की सूचनाओं को वोटरों को उपलब्ध कराना होगा। इसमें महिलाओं को अपने मायके से संबंधित जानकारी भी फार्म में देनी होगी। ऐसे तमाम लोग चिह्नित होंगे, जिनके नाम एक से अधिक जगहों पर हैं। साथ ही मृतक और बाहर से आकर रह रहे लोगों की पहचान हो सकेगी।

वोटरों के पास फार्म पहुंच चुका है, जिसे भरकर फिर से बीएलओ को देंगे। आवेदन में कई प्रकार के बिंदुओं को भरना है।वोटरों की जन्मतिथि, आधार संख्या भरनी है, मोबाइल नंबर, पिता नाम, पिता का इपीक नंबर, मां का नाम, माता का इपीक नंबर भरना होगा। इसके अतिरिक्त वोटर के पति, पत्नी नाम और इपीक नंबर यदि लागू हो भरना होगा। 2023 मतदाता सूची के तहत डिटेल देनी होगी। राज्य, जिला, तहसील और गांव का नाम भरना है।

यह मिलान आसान नहीं हैं, सबसे अधिक दिक्कतें महिलाओं के आवेदन में आ रही हैं। कुछ परिवार बाहर के हैं। एक बीएलओ ने बताया कि प्रत्येक घनी आबादी में 50 से 60 नाम ऐसे मिल रहे हैं, जिनका यहां कोई लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है। मृतकों की संख्या भी सामने आ रही है।

न्यूज़ डेस्क

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