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विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) अभियान जोरों पर: 22 बरस बाद हो रहा है पुनरीक्षण

लखनऊ : गुरुवार 20 नवम्बर 2025

उत्तरप्रदेश में विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) अभियान तेजी से चल रहा है। 2003 के बाद 22 बरस के अंतराल में पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है, जबकि नियमानुसार 7 बरस बाद ही इसे किया जाना चाहिए था, लेकिन पिछली सरकारों कि लापरवाही के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

पुनरीक्षण के लिए बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर गणना प्रपत्र भरवा रहे हैं। 2003 की मतदाता सूची में यदि वोटर का नाम नहीं है, लेकिन वर्तमान सूची में उसका नाम है तो उसे भी गणना प्रपत्र भरकर, हस्ताक्षर करके देना होगा। 2003 की सूची में माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी यदि वोटर रहे होंगे तो उनके नाम से मैपिंग की जाएगी।इसके बाद ऐसे वोटरों को नौ दिसंबर को मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद पहचान पत्र (आईडी) देने के लिए नोटिस दिया जाएगा, जिनकी मैपिंग नहीं हुई है। नोटिस के बाद प्रपत्र के पीछे दी गई 11 आईडी में से कोई एक प्रस्तुत न करने पर मतदाता सूची से नाम हटा दिया जायेगा।

अपना नाम न लिखने का आग्रह करते हुए एक बीएलओ ने गणना प्रपत्र दिखाते हुए बताया कि बहुत से लोग जो चालीस बरस से कम उम्र के हैं वो 2003 में वोटर नहीं थे, उसके बाद वह वोटर बने है। ऐसे लोग भी गणना प्रपत्र भर कर बीएलओ को दें। प्रपत्र में कुछ जानकारी वैकल्पिक रूप में मांगी गई है। जैसे माता-पिता तथा पति का मतदाता नंबर आदि इसकी जानकारी नहीं है तो न भरें।

उन्होंने बताया कि यदि महिला की शादी हो गई है, तो उसे अपने माता-पिता अथवा बाबा दादी का विवरण देना होगा। पति का विवरण भी देना होगा। परिवार का कोई सदस्य यदि बाहर रहता है और यहां वोटर लिस्ट में उसका नाम है, और वर्तमान समय में मौजूद नहीं है, तो उसका प्रपत्र अभिभावक भरकर हस्ताक्षर करके दे सकते हैं। उसमें संबंध का जिक्र करना आवश्यक होगा।गणना प्रपत्र में कोई ऐसी जानकारी नहीं मांगी गई है जिसको लेकर मतदाता परेशान हो। गणना प्रपत्र में जो जानकारी जानते हों, उसे भरकर बीएलओ को दे दें, बीएलओ उसे एप पर अपलोड कर देगा।

बीएलओ को हो रही दिक्कतों के बारे में उन्होंने बताया कि गणना प्रपत्र भरने में उनको ऑनलाइन जानकारी लेने में सर्वर पर अत्यधिक लोड होने पर नेटवर्क कि शुन्यता, तो कभी बूथ संख्या बगल के विधानसभा में दिखने की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है, साथ ही जो मतदाता कम पढ़े लिखे हैं उनके द्वारा गलत ढंग से प्रविष्टीयां भरने से फॉर्म ख़राब होने कि समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि एक घर में यदि चार पांच मतदाता हैं, तो अलग अलग लिस्ट में उनके नाम होने से भी परेशानी हो रही है। अलग अलग बीएलओ को, उस एक घर में जाकर प्रपत्र देने पड़ रहे हैं, जबकि लिस्ट कि सही ढंग से स्क्रूटिनी हो जाती तो एक घर में, एक ही बीएलओ द्वारा, एक ही बार में सभी के प्रपत्र दे दिए जाते।

उनका यह भी कहना था यदि निर्धारित तिथि तक लोगों द्वारा प्रपत्र भरकर नहीं दिए गए तो बाद में उनको समस्या का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बाद में उन्हें कई औपचारिकता पूरी करनी पड़ेंगी। इसलिए समय से प्रपत्र भरकर जमा करना जरुरी है।

विशेष संवाददाता

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