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‘आरक्षण तब तक मिलना चाहिए जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना दे दे’

“जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं करता या उससे संबंध नहीं बनाता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए- संतोष वर्मा

भोपाल: बुधवार 26 नवंबर 2025

आजाक्स संगठन के नवनिर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा एक विवादित बयान देकर घिर गए हैं। भोपाल में प्रांतीय अधिवेशन के दौरान वर्मा ने सवर्ण समाज को लेकर अशोभनीय टिप्पणी की थी। इसको लेकर सवर्ण समाज ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।आईएएस अधिकारी वर्मा के इस विवादित बयान पर ब्राह्मण संगठनों ने कड़ी निंदा की और इसे अशोभनीय, जातिवादी और ब्राह्मण बेटियों के लिए अपमानजनक बताया।

एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा, “ब्राह्मण बेटियों के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। आईएएस अधिकारी की टिप्पणी अशोभनीय, आपत्तिजनक और ब्राह्मण समाज का अपमान है। अगर जल्द ही आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया, तो ब्राह्मण समाज राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा।

”मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि ये टिप्पणियां अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन करती हैं, विशेषकर ऐसे समय में जब सरकार लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है, जिनका उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं की गरिमा और कल्याण की रक्षा करना है।

कर्मचारी संगठन के नेता सुधीर नायक ने कहा कि यह बयान अत्यंत आपत्तिजनक है और उच्च जाति का अपमान है। उन्होंने कहा कि सरकार को वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शादी एक निजी मामला है और वर्मा इस तरह के बयान देकर समाज में खाई पैदा कर रहे हैं। शादियां आमतौर पर विभिन्न समुदायों में होती हैं। नायक ने कहा कि वर्मा को इस कार्यक्रम में ऐसा बयान देने के बजाय सेवा संबंधी मामले पर बोलना चाहिए था।

पहले भी विवादों में घिरे संतोष वर्मा

आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा 2021 में एक मामले में गिरफ्तार भी हुए थे। वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। वर्मा पर स्पेशल जज के आदेश में हेराफेरी करने का आरोप था। उन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्रमोशन पाने का भी आरोप था। एक महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत से राहत मिलने के बाद, उन्हें हाल ही में बहाल कर दिया गया है और उनकी नियुक्ति कर दी गई है।

संतोष कुमार वर्मा के विवादित बयानों के खिलाफ ग्वालियर मुरार के ब्राह्मण समाज के लोग एडवोकेट अनिल मिश्रा के साथ एफआईआर करने के लिए मुरार थाने पहुंचे। जानकारी के लिए बता दें कि एडवोकेट अनिल मिश्रा सनातनियों के खिलाफ लोगों द्वारा दिए गए देशव्यापी बयानों से आहत होकर मुखरता से सामने आ गए हैं। एडवोकेट अनिल मिश्रा तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बाबा साहब बी.आर. अम्बेडकर को संविधान निर्माता होने के विरुद्ध आवाज उठाई थी।

देश व्यापी विरोध के कारण ब्राह्मण की बेटी वाले बयान को लेकर आईएएस संतोष वर्मा ने माफी मांग ली है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरा मकसद पॉलिटिकल हंगामा खड़ा करना नहीं था। अजाक्स में मेरा मुख्य मुद्दा था कि आर्थिक और सामाजिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए, इसी मुद्दे पर हमलोग अपने-अपने विचार रख रहे थे।

उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान कुछ लोग कह रहे थे कि जिन घरों में लोग आईएएस बन जाएं, वह आरक्षण के पात्र नहीं हो, इस पर मेरा कहना था कि मैं सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो गया हूं तो मेरे बेटे-बेटियों की शादी उच्च जातियों में होनी चाहिए। आईएएस संतोष वर्मा ने कहा कि उसमें से एक लाइन काटकर लोगों ने इसे गलत तरीके से प्रचारित कर दिया। मेरा सभी समुदाय के लोगों से यही कहना है कि हमारी किसी समाज के प्रति दुर्भावना नहीं है।

न्यूज़ डेस्क

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