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*ऐसो रास रच्यो वृंदावन, है रही पायल की झंकार.. *भगवान कृष्ण-रुक्मिणी के मंगल विवाह का उल्लास

*बल्केश्वर पार्क में छाया भगवान कृष्ण-रुक्मिणी के मंगल विवाह का उल्लास*

*इंद्रियों के संयम से हृदय में होगा ज्ञान का अवतरण और ज्ञान के अवतरण पर ही मिलेगी परम शांति: राष्ट्रीय संत पूज्य चिन्मयानंद बापू*

आगरा: 27 अगस्त 2025

विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट आगरा इकाई द्वारा बल्केश्वर पार्क में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन बुधवार शाम राष्ट्रीय संत पूज्य चिन्मयानंद बापू ने जैसे ही रुक्मणी मंगल की दिव्य कथा का वर्णन किया तो भगवान कृष्ण-रुक्मिणी के विवाह उत्सव का उल्लास पूरे पंडाल में छा गया। माहौल कृष्णमय हो गया। हजारों भक्त भगवान कृष्ण स्वरूप हिमांशु सुगंधी और रुक्मणी स्वरूप कंचन सुगंधी के वरमाला की झाँकी देखकर धन्य हो गए।

इससे पूर्व महारास के प्रसंग में “ऐसो रास रच्यो वृंदावन, है रही पायल की झंकार” भजन पर सब झूम उठे।

कथाक्रम में पूज्य बापू ने कहा कि आज हर व्यक्ति शांति की तलाश में है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि शांति चाहते हो तो सत्य को जान लो। सत्य को जानने के लिए श्रद्धा जरूरी है। जब हमारा हृदय श्रद्धा से भर जाता है तब हम कौन हैं और यह संसार क्या है, इसकी कुछ कुछ झलक मिलने लगती है। जब यह झलक मिलने लगे तब इंद्रियों को संयमित करने के लिए तत्पर हो जाएँ। जब इंद्रियां संयमित होंगी तब हृदय में ज्ञान का अवतरण होगा और ज्ञान होने पर ही परम शांति मिलेगी।

कथा विश्राम के समय गणेश चतुर्थी के विशेष अवसर पर भगवान गणेश के बाल स्वरूप अर्नव गुप्ता की झाँकी के दर्शन कर सब भगवान गणेश के जयकारे लगाने लगे। सामाजिक सरोकारोंं के तहत महिलाओं को साड़ी वितरित की गई। एक की नहीं, जगत के कल्याण की बात करते हैं जगतगुरू संत प्रेमानंद के विषय में जगतगुरू रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर मचे बवाल पर सभी को समझाते हुए पूज्य बापू ने कहा कि जगद्गुरु कभी एक के कल्याण के लिए नहीं, अपितु जगत के कल्याण के लिए बात कहते हैं। वे इसके लिए किसी सुपात्र को माध्यम बनाते हैं ताकि बात लाखों लोगों तक पहुँच सके। उनकी हर बात के पीछे असली उद्देश्य हजारों लाखों लोगों को दिशा दिखाना होता है। इसलिए महापुरुषों की वाणी को हल्के में लेकर उपद्रव करना ठीक नहीं। अपने धर्म का बंटाधार मत करो। हमको देव भाषा संस्कृत और महान भारतीय संस्कृति से दूर नहीं होना चाहिए। हमें अपने धर्म को मजबूती से पकड़ना चाहिए।

*हर वर्ष एक तीर्थ स्थल पर होगी कथा*

पूज्य चिन्मयानंद बापू द्वारा कथा के दौरान विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के अंतर्गत बनाई गई तीर्थ कथा आयोजन समिति के बैनर का विमोचन किया गया। पूज्य बापू ने बताया कि अब इस समिति द्वारा हर वर्ष भारत के एक तीर्थ स्थल पर कथा होगी।

मार्च 2026 में बरसाना धाम में होली महोत्सव होगा। जो भक्त तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने के साथ कथा गंगा में अवगाहन करना चाहते हैं, वे तीर्थ कथा आयोजन समिति के सदस्य बन सकते हैं।

*समापन पर कल दोपहर 1:00 बजे से होगी कथा, सजेगी सुदामा चरित्र की मार्मिक झाँकी*

मुख्य संरक्षक एवं मार्गदर्शक डॉ. विजय किशोर बंसल, मैनेजिंग ट्रस्टी पार्षद मुरारी लाल गोयल पेंट वाले एवं ट्रस्टी श्रीमती सुमन गोयल ने बताया कि कथा समापन पर गुरुवार को कथा शाम के स्थान पर दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक होगी। भागवत कथा का सार और सुदामा चरित्र का वर्णन होगा। पार्षद हरिओम गोयल ‘बाबा’ सुदामा स्वरूप में सुदामा चरित्र की मार्मिक झाँकी प्रस्तुत करेंगे।

इससे पूर्व सुबह 10:00 बजे से 12:00 तक कथा पंडाल में पूज्य बापू इच्छुक भक्तों को गुरु दीक्षा प्रदान करेंगे।

कथा विश्राम पर केंद्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल की धर्मपत्नी श्रीमती मधु बघेल, मुख्य यजमान श्रीमती विनीता सुगंधी, गोविंद सुगंधी, अमित सुगंधी, हिमांशु सुगंधी, आशीष सुगंधी, तीरथ कुशवाह, सुरेश चंद्र अग्रवाल मई वाले, तेजेंद्र सिंह गुर्जर, हरिओम गोयल, भोलानाथ अग्रवाल, राकेश गुप्ता, विजय वर्मा और उदयभान सिंह भदौरिया* ने आरती उतारी।

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